Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2021 · 1 min read

करोना की ढिठाई

लो आ गए हम दुबारा सावधान हो जाओ ,
मन चाहे या ना चाहें हमारा स्वागत करो ।

हमारे जुल्म ओ सितम सबके लिए समान,
हम नहीं करते कोई भेदभाव तारीफ करो।

तुम हमें वोट भी दोगे और हम जीतेंगे भी,
गलतियां करोगे तुम्हीं फिर भुगतान करो ।

हम तुम्हारी जिंदगी में दाखिल हो चुके ,
अब तुम चाहे आहें भरो या शिकवे करो ।

मर्जी है तुम्हारी जियो या बे मौत मरो तुम,
पाबंदी चाहिए या मुक्ति ,फैंसला तुम करो ।

तुम्हारी जरा सी चूक अस्पताल पहुंचाएगी ,
इसपर भी ना सुधरे तो मरने की तैयारी करो ।

हम तो सरकार हैं हमसे कहां तक उलझोगे,
हम तो युद्ध को तत्पर है तुम इशारा करो।

इधर तुमने गलती की उधर वायरस तैयार ,
विविध प्रकार के हैं ,तुम बस गिनती करो।

तुमने हमारे खिलाफ बनाए है प्रोटोकॉल ,
हम भी देखते है !,तुम इनका पालन करो ।

हमारी शक्ति का अंदाजा तुम्हें हो गया होगा ,
हमने विश्व को हिला दिया तुम बस देखा करो।

अरे!तुमने वक्सिन लगवा ली,बहुत अच्छा किया ,
मगर हम समूल नष्ट होंगे ,ऐसा भरोसा मत करो।

हम तुम्हारी जिंदगी से कभी नहीं जायेंगे ,समझे!
हर साल का अनुबंध है हमारा ,याद रखा करो ।

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
SuNo...
SuNo...
Vishal babu (vishu)
2735. *पूर्णिका*
2735. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
सुबह का भूला
सुबह का भूला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सावन में शिव गुणगान
सावन में शिव गुणगान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
Slok maurya "umang"
"खुदा याद आया"
Dr. Kishan tandon kranti
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अपनी समस्या का
अपनी समस्या का
Dr fauzia Naseem shad
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*
****रघुवीर आयेंगे****
****रघुवीर आयेंगे****
Kavita Chouhan
बाट का बटोही ?
बाट का बटोही ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम्हारी है जुस्तजू
तुम्हारी है जुस्तजू
Surinder blackpen
........,
........,
शेखर सिंह
माँ काली
माँ काली
Sidhartha Mishra
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
Vivek Pandey
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
आर.एस. 'प्रीतम'
पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...