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22 Apr 2017 · 1 min read

कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)

आओ हम लाज बचाये।
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
सुखी धरती, निर्झर सूखे,
कूप सूखे तो रह जायेंगे भूखे।
आओ हम बून्द बचाये,
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
रूठी नदियां, ताल भी रूठे,
वर्षा रूठी तो रहेंगे प्यासे।
चाहे कितने बांध बनाये,
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
तोड़े उपवन, काटे तरुवन,
कैसे रुकेगा विस्तृत मरुवन।
आओ अग्रपीढ़ी बचाये,
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
नंगी धरती, नंगे परवत,
कौन भरेगा इनमें रंग सत्।
आओ फिर से सावन बुलायें,
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
भोगी सब है, ढोंगी सब है,
दोहन करते सब के हस्त है।
धुएं की अब कालिख मिटाये,
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
आओ अब तो जान बचाये।
इस धरती पर पेड़ लगायें।।
(रचनाकार- डॉ शिव’लहरी’)

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 766 Views
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