Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2017 · 1 min read

(@ करवा चौथ@) पति से खूब प्रीति बढै निशदिन इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं ।

(@ करवा चौथ@)
पति से खूब प्रीति बढै निशदिन
इस हेतु ही व्रत ये धारति हैं ।
दीर्घ जीवी बनें नित सुहाग रहे
ये प्रेम की दीपक बारति है।
पति ही परमेश्वर है इनका
शत कोटि अनंग को वारति हैं ।
चाँद के साथ पति मुखडा
विप्र तुलना शशि से ही कारति हैं ।
प्रिय प्रेम की आस रहे हरदम
इस हेतु करवा व्रत धारति हैं ।
सोरह कला का चंदा दिखे
इस हेतु ही चाँद निहारति हैं ।
सब व्रत मे ये पुनीत महा
इस हेतु करवा व्रत धारति हैं ।

विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र
नरई चौराहा संग्रामगढ प्रतापगढ

Language: Hindi
298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
माँ काली
माँ काली
Sidhartha Mishra
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
सबला नारी
सबला नारी
आनन्द मिश्र
शक्कर की माटी
शक्कर की माटी
विजय कुमार नामदेव
चेतावनी हिमालय की
चेतावनी हिमालय की
Dr.Pratibha Prakash
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
Shekhar Chandra Mitra
कैसे बचेगी मानवता
कैसे बचेगी मानवता
Dr. Man Mohan Krishna
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
Manisha Manjari
*हनुमान (कुंडलिया)*
*हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
आईना सच कहां
आईना सच कहां
Dr fauzia Naseem shad
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
Harminder Kaur
बंटते हिन्दू बंटता देश
बंटते हिन्दू बंटता देश
विजय कुमार अग्रवाल
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
दोहा -स्वागत
दोहा -स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
"बदलते रसरंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...