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23 Dec 2018 · 1 min read

करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार ,

करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार,
सारी जनता त्रस्त है , प्रजातंत्र बेकार ।
प्रजातंत्र बेकार , करें जनता से मस्ती ,
राजनीति में कहीं नहीं , जनता की हस्ती ।
कह प्रवीण कविराय , चोट ये दिल पर धरते ,
जनता डाले वोट , राज ये जी भर करते ।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ,
सीतापुर ।

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