Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2017 · 2 min read

‘कमोड कथा

नमिता अपने मम्मी-पापा के साथ तीन कमरों के मकान में आराम से रहती थी।कभी-कभी आतिथियों के आगमन से असहज भी हो जाया करती थी।अपनी चीजों को किसी के साथ शेयर करना उसे कतई पसन्द नहीं था।इस बार तो हद हो गई…..।
आज वर्षों बाद गाँव से दादी का आना हुआ।बूढ़ी काया कब अपने वश में रहती है।एक दिन गाँव वाले घर में गिर पड़ीं।कमर और घुटनों में काफी चोटें आई थी।ईलाज कराने अपने बेटे के यहाँ आना हुआ।सेवा करना पड़ेगा यह सोच कर नमिता की मम्मी का मन भारी हो गया।दादी कष्ट में भी अपनी पोती के लिए ढ़ेरों उपहार लाना नहीं भूलीं थी।नमिता उपहार पा कर बहुत खुश हुई।
घर में दो बाथरूम की व्यवस्था थी।
एक में चार सीढ़ियों के ऊपर देसी स्टाइल का कमोड लगा था,दूसरे में नमिता के पसन्द का पाश्चात्य स्टाइल वाला सुविधाजनक कमोड लगा था।माँ की हालत देख पापा ने नमिता से कहा-“बेटा,आज से दादी तुम्हारे बाथरूम का उपयोग करेंगी।”उसने लगभग चिल्लाते हुए कहा-“नहीं”।गुस्से में स्वयं को अपने कमरे में बंद लिया।बेटी के जिद के आगे उनकी एक न चली।उन्होंने माँ से कहा-” माँ, विदेशी स्टाइल वाला कमोड का फ्लश खराब हो गया है।जल्दी ही ठीक करवा दूंगा।तब तक आप दूसरा वाला बाथरूम का उपयोग कीजिए।”
दादी खामोश रहीं।उन्हें पता था पिछली बार जब वह आईं थीं तब भी फ्लश खराब होने का बहाना किया गया था। उस बार वह स्वस्थ थीं।किन्तु इस बार…….चार सीढ़ियाँ चढ़ कर कमोड में घुटने मोड़ कर बैठने की बात सोंच कर सिहर उठीं।खैर,वह कर भी क्या सकती थीं।दिन जैसे तैसे गुजर गए।ईलाज के बाद वह अपने गाँव लौट गई कभी नहीं वापस आने का संकल्प के साथ।

Language: Hindi
551 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Intakam hum bhi le sakte hai tujhse,
Intakam hum bhi le sakte hai tujhse,
Sakshi Tripathi
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
मिमियाने की आवाज
मिमियाने की आवाज
Dr Nisha nandini Bhartiya
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
चल सजना प्रेम की नगरी
चल सजना प्रेम की नगरी
Sunita jauhari
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
💐प्रेम कौतुक-425💐
💐प्रेम कौतुक-425💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सपना
सपना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" यह जिंदगी क्या क्या कारनामे करवा रही है
कवि दीपक बवेजा
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
दरख़्त और व्यक्तित्व
दरख़्त और व्यक्तित्व
Dr Parveen Thakur
जो भक्त महादेव का,
जो भक्त महादेव का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फहराये तिरंगा ।
फहराये तिरंगा ।
Buddha Prakash
मेरी नज़्म, शायरी,  ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
मेरी नज़्म, शायरी, ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
अनंत पांडेय "INϕ9YT"
अच्छा खाना
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
पल भर फासला है
पल भर फासला है
Ansh
2547.पूर्णिका
2547.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
मन सोचता है...
मन सोचता है...
Harminder Kaur
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
जीवन एक मकान किराए को,
जीवन एक मकान किराए को,
Bodhisatva kastooriya
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
Loading...