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10 Jan 2018 · 1 min read

कमाई के पैमाने बदले !

छोड़ दो मुर्दों पर रोटी सेंकना,
जिंदा लाशों का ढ़ेर क्या कम हैं,
(कमाई कर खा लेने दो)
बस इतने से रहम की उम्मीद है,
नामुराद इससे भी मुक़र गए..!!
.
डॉ0महेंद्र.

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 295 Views
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