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18 May 2021 · 1 min read

कमल

********** कमल (दोहा) ************
**********************************

कमल खिला है ताल में,फूल बहुत अनमोल।
मधुर सुगंध बिखेरता,बिन कोई भी मोल।।

भांति भांति के फूल हैं, सबकी है पहचान।
जो कमल न पहचानता, जग में वो नादान।।

बेशक कीचड़ में खिले,कमल बहुत गुणवान।
रंग बिरंगी गंध से, कर देता धनवान।।

कमल पुष्प दे प्रेरणा, मत हो कभो हताश।
सदा तमस के बाद ही, होती नव प्रभात।।

राष्ट्रीय सुमन देश का,लक्ष्मी करती वास।
खुशहाली प्रतीक है, शांति करती निवास।।

पंकज सा खिलता रहे, घर आंगन में फूल।
मनसीरत खुशियाँ मिले,सबको होत कबूल।।
***********************************
सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
530 Views
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