Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2017 · 1 min read

कभी सावन कभी वसंत दोस्ती

?????
कभी सावन,कभी वसंत दोस्ती।
पतझड़ में भी रहे संग दोस्ती।

सागर के संग तरंग दोस्ती।
जीवन में भर दे उमंग दोस्ती।

इन्द्रधनुष के सातों रंग दोस्ती।
मन को महका दे वो सुगंध दोस्ती।

मौसम सा आना जाना है दोस्ती।
यादों का विशाल खजाना है दोस्ती।

याद आती है छुटपन की दोस्ती।
निस्वार्थ थी बचपन की दोस्ती।

कभी मार-पीट,झगड़ा-लड़ाई दोस्ती।
कभी तीखी सी मिर्ची मिठाई दोस्ती।

मस्ती भरी जवानी की दोस्ती।
यारो पे दे देती कुर्बानी दोस्ती।

सदा करती मनमानी नादानी दोस्ती।
दिल में छोड़ जाती निशानी दोस्ती।

बुढापे में किस्से कहानी दोस्ती।
आँखों में ला देती पानी दोस्ती।

बुजुर्गों का होता सहारा दोस्ती।
भँवर जिन्दगी का किनारा दोस्ती।

हर मौसम में है खास दोस्ती।
एक धागा विश्वास का दोस्ती।

कभी खड़ा करता नहीं सवाल दोस्ती।
बहुत ही लाजवाब व बेमिशाल दोस्ती।
???-लक्ष्मी सिंह ??

Language: Hindi
735 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Sakshi Tripathi
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
💐प्रेम कौतुक-305💐
💐प्रेम कौतुक-305💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
हम आए हैं बुद्ध के देश से
हम आए हैं बुद्ध के देश से
Shekhar Chandra Mitra
वाह ! डायबिटीज हो गई (हास्य व्यंग्य)
वाह ! डायबिटीज हो गई (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नग मंजुल मन भावे
नग मंजुल मन भावे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
Buddha Prakash
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कौन पंखे से बाँध देता है
कौन पंखे से बाँध देता है
Aadarsh Dubey
■ कला का केंद्र गला...
■ कला का केंद्र गला...
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
***दिल बहलाने  लाया हूँ***
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
Loading...