कभी वक़्त था , वक़्त का ….
कभी वक़्त था, दौड़ते थे वक़्त के पीछे
तब वक़्त था वक़्त का |
अब वक़्त है , हमारा दौड़ती है
हमारे पीछे |
अब वक़्त आया अब हमारी मुठ्ठी में
जब चाहा उछाला पटका
आती चुपचाप हमारे पीछे
मैं उसके आगे आगे |
मैं ठहरता तो वक़्त ठहरती
मैं चलता तो वक़्त चलती
सर लटकाय , दम दबाये
नज़र झुकाये , चुप चाप
आती मेरे पीछे |
मैं कहता चल , अब बहुत हुआ
मेरे आगे आगे ;
शर्म से थोड़ी चुप रहती
बस अब न चलूंगी, आपके आगे |
कभी वक़्त था दौड़ते थे वक़्त के पीछे …