Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2016 · 1 min read

कभी भी चोट अपनों से ,यहाँ जब दिल ने’ खायी है

कभी भी चोट अपनों से ,यहाँ जब दिल ने’ खायी है
न जाने पीर क्यों उसकी नज़र आँखों में’आयी है

छिपी रहती जो’ दिल में है वही बस बात है अपनी
निकलती जब लबों से ये तभी होती परायी है

नहीं परवाह अब हमको जमाने की रही देखो
नयी दुनियाँ तुम्हारे सँग सनम जबसे बसायी है

हमें मालूम है हमको बहुत तुम याद करते हो
हमें ये हिचकियों ने बात खुद आकर बतायी है

बरसते बारी बारी से यहाँ सुख दुख भरे बादल
समझ पर ‘अर्चना’ ये बात हमको आज आयी है
डॉ अर्चना गुप्ता

372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
जो बीत गया उसे जाने दो
जो बीत गया उसे जाने दो
अनूप अम्बर
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
साहित्य सत्य और न्याय का मार्ग प्रशस्त करता है।
पंकज कुमार कर्ण
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
श्याम सिंह बिष्ट
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3377⚘ *पूर्णिका* ⚘
3377⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नहीं बदलते
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
गुम है सरकारी बजट,
गुम है सरकारी बजट,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
तन्हां जो छोड़ जाओगे तो...
तन्हां जो छोड़ जाओगे तो...
Srishty Bansal
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
🙅बदली कहावत🙅
🙅बदली कहावत🙅
*Author प्रणय प्रभात*
“ आहाँ नीक, जग नीक”
“ आहाँ नीक, जग नीक”
DrLakshman Jha Parimal
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...