Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

कभी काया या माया पर नहीं अभिमान तुम करना

कभी काया या माया पर नहीं अभिमान तुम करना
गुणों को ही सदा अपनी यहाँ पहचान तुम करना
हमारे साथ तो केवल हमारे कर्म जाएंगे
मिले हैं हाथ दो हमको उन्हें भगवान तुम करना
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
सब वर्ताव पर निर्भर है
सब वर्ताव पर निर्भर है
Mahender Singh
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
प्लास्टिक बंदी
प्लास्टिक बंदी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
Shweta Soni
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
Dr. Upasana Pandey
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
श्री राम अयोध्या आए है
श्री राम अयोध्या आए है
जगदीश लववंशी
■ कैसे भी पढ़ लो...
■ कैसे भी पढ़ लो...
*Author प्रणय प्रभात*
लहर
लहर
Shyam Sundar Subramanian
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Anil "Aadarsh"
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
परोपकार का भाव
परोपकार का भाव
Buddha Prakash
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
Rambali Mishra
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
यादों का थैला लेकर चले है
यादों का थैला लेकर चले है
Harminder Kaur
हिय  में  मेरे  बस  गये,  दशरथ - सुत   श्रीराम
हिय में मेरे बस गये, दशरथ - सुत श्रीराम
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
* मायने हैं *
* मायने हैं *
surenderpal vaidya
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
गुरुजन को अर्पण
गुरुजन को अर्पण
Rajni kapoor
💐प्रेम कौतुक-346💐
💐प्रेम कौतुक-346💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
Loading...