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10 Aug 2021 · 1 min read

कभी कभी

कभी कभी, हमेशा नहीं
दे जाते है ,दस्तक अवसर
लोग मशगुल है अक्सर.
शौकीन मनोरंजन पर.

खलता है अकेलापन,
लगाकर लीड कानों में.
खो देता है निज जीवन
सो जाते है कफन ओढ.

कर लेते है संतोष कहकर
भूल जाते है, भगवान की मर्जी.
घूमते है उम्रभर लगाते अर्जी.
खुद सुनते नहीं, कौन सुनेगा
तुम्हारी.

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 507 Views
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