Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2016 · 2 min read

कभी कभी मेरे दिल मे…।

कभी कभी…।

कभी कभी मेरे दिल मे खयाल आता है..।।
कि जिंदगी इतनी वीरान नही होती,
गर तू मेरे साथ होती तू मेरे पास होती…।

कभी मै तुझे सहेजता..
कभी तुझे थोड़ा समेटता…।
रहती तू बनकर मेरी हरपल और….
रखता तुझे अपने आगोश मे हरदम.।
हाँ तुम होती तो जिंदगी कुछ और होती..।

मगर ऐसा हो न सका…।

मगर ऐसा हो न सका…
तू मुझसे उतनी हीं दूर भागती रही,
जितना मै तेरे पीछे भागता रहा…।
तू उतने ही तेजी से निकलती गई,
जितना तुझे मै सहेजता रहा..।

कभी कभी…..

कभी कभी मेरे दिल मे ये खयाल आता है..।

कि यें आँखें भी चैन की निंद सो पाती,
अगर इनमे तेरे ख्वाब न पलतें….।
तू मेरे साथ चलती, मै तेरे साथ चलता…।
कभी तुम मेरे किताबों मे होती तो,
कभी तकिया बन मेरे कमरे मे मेरे साथ होती….।

मगर ऐसा हो न सका..।

मगर ऐसा हो न सका..,
तू कभी मेरी हो न सकी,
तुझको पाने के मेरे ख्वाब सिर्फ,
एक ख्वाब बन कर रह गयें…..।

कभी कभी…मगर,

आज फिर आई हो तुम एक नई ख्वाब बनकर,
नये रुप नये रंग मे सज धजकर कर,
एक नयी योवना सा रूप लेकर…।

अब आ हीं गई हो तुम जब..
नई गुलाबी रंगों मे रंगकर…।
तुझको पाने की तमन्ना फिर से..
दिल मे जाग उठी है….।

अगर हो जाए ऐसा और तू हो जाए मेरी,
तो फिर से अपने ख्वाबों मे मै भी नये रंग भर लूं..।

कर लूं पुरे उन सारे अधूरे ख्वाबों को,
जो तेरे बिना पुरे ना कर सका..।
जी लूँ हर उन ख्वाहिशों को फिर से.।
जो तेरे रहते पहले जी न सका…।

कभी कभी …

कभी कभी मेरे दिल मे ख्याल आता है .।

तू होती तो क्या क्या होता…?

हाँ यही सोचता हूँ हरपल…।

तू होती तो मिटाता भूख उन बच्चों का,
जो भुखे प्यासे दो निवाले के लिए तरसती आँखो से,
इंतजार करते रहतें है हरपल घर के चौमुहाने पर…।

ले आता कुछ फल और दवाईयाँ मै बूढे माँ-बाप के
लिए जों इस उम्र मे सिर्फ उनपर पर हीं हैं निर्भर हैं…।

खरीदता हर कोरे सपनों को गृहनी के,
और पुरी करता उसके हर उन ख्वाहिशों को,
जो अधूरी अधूरी सी रहती है…
फिर भी मूह से कुछ नही कहती…।

कभी कभी…,

मेरे दिल मे ये ख्याल आता है.
मगर फिर सोचता हूँ..?

कि तू तो ठहरी एक मृगतृष्णा तू कहाँ किसी की हो पाई है…?
कल तक जो थी तू हजार-पाँच सौ के रूप मे,
आज दो हजार बन कर सामने आई है…।

हाँ आज दो हजार बन कर तू सामने आई है.।

मगर फिर भी कभी कभी मेरे दिल मे ख्याल आता है…,
तू अगर मेरी होती तो जिंदगी कुछ और होती..।

शायद बड़ी हसीन होती.।

शायद बड़ी हसीन होती.।

विनोद सिन्हा- “सुदामा”

Language: Hindi
724 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलो हमसफर यादों के शहर में
चलो हमसफर यादों के शहर में
गनेश रॉय " रावण "
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
2454.पूर्णिका
2454.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तारों का झूमर
तारों का झूमर
Dr. Seema Varma
💐प्रेम कौतुक-319💐
💐प्रेम कौतुक-319💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ईद की दिली मुबारक बाद
ईद की दिली मुबारक बाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
SuNo...
SuNo...
Vishal babu (vishu)
"लक्षण"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
Dr.S.P. Gautam
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
आप अच्छे हो उससे ज्यादा,फर्क आप कितने सफल
पूर्वार्थ
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
पिया बिन सावन की बात क्या करें
पिया बिन सावन की बात क्या करें
Devesh Bharadwaj
-- कटते पेड़ --
-- कटते पेड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
इक नयी दुनिया दारी तय कर दे
इक नयी दुनिया दारी तय कर दे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कैलाश चन्द्र चौहान की यादों की अटारी / मुसाफ़िर बैठा
कैलाश चन्द्र चौहान की यादों की अटारी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आशियाना तुम्हारा
आशियाना तुम्हारा
Srishty Bansal
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
मुस्कुराना जरूरी है
मुस्कुराना जरूरी है
Mamta Rani
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
*होता शिक्षक प्राथमिक, विद्यालय का श्रेष्ठ (कुंडलिया )*
*होता शिक्षक प्राथमिक, विद्यालय का श्रेष्ठ (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...