Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2016 · 1 min read

कभी इस पार ,कभी….

कभी इस पार
कभी उस पार,
खिच लेता है
एक दूजे को
बहन-भाई का प्यार
रक्षा बंधन का त्यौहार
चलता रहे,निभता रहे
अमर प्रेम की है गाथा,
बहन भाई के रिश्तों का
अटूट प्यार,
कभी इस पार
कभी उस पार,
खिच लेता है,
एक दूजे को,
बहन भाई का प्यार
रक्षा बंधन का त्यौहार।।

^^^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^^^

Language: Hindi
1 Like · 377 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
नहीं हूँ मैं किसी भी नाराज़
ruby kumari
जिंदगी है एक सफर,,
जिंदगी है एक सफर,,
Taj Mohammad
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
लिखने – पढ़ने का उद्देश्य/ musafir baitha
लिखने – पढ़ने का उद्देश्य/ musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
विद्यालयीय पठन पाठन समाप्त होने के बाद जीवन में बहुत चुनौतिय
विद्यालयीय पठन पाठन समाप्त होने के बाद जीवन में बहुत चुनौतिय
पूर्वार्थ
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
One day you will leave me alone.
One day you will leave me alone.
Sakshi Tripathi
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
फ़र्क़..
फ़र्क़..
Rekha Drolia
शोख- चंचल-सी हवा
शोख- चंचल-सी हवा
लक्ष्मी सिंह
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
खुदा के वास्ते
खुदा के वास्ते
shabina. Naaz
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
कोहरा और कोहरा
कोहरा और कोहरा
Ghanshyam Poddar
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
23/106.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/106.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
Ravi Prakash
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"अक्ल बेचारा"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फितरत
फितरत
Akshay patel
ताजन हजार
ताजन हजार
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
*हमारा संविधान*
*हमारा संविधान*
Dushyant Kumar
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...