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30 Sep 2019 · 1 min read

कफन तैयार है (गजल )

कुछ है इससे बेखबर और कुछ हैं अंजान ,
के कोई सी रहा है अपने लिए एक कफन ।

किस कदर खुद को तबाह औ बर्बाद किया ,
और किया उसने अपने अरमानो का खून ।

जाने कितने सितम जमाने के सहे होंगे ,
खून के आँसू रोया होगा तब आया यह रंग ।

क्या अपने ,क्या पराये ,मगर यह तक़दीर भी ,
कर गयी दगा ये बेरहम उस मासूम के संग ।

आखिरकार जिंदगी से मायूस और बेज़ार होकर’अनु ‘ ,
नाउम्मीद हो,उसने सी लिया अपने लिए कफन॰

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