Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2020 · 4 min read

कंगना कि ललकार और बॉलीवुड की हिंदू घृणा का कारण और विश्लेषण

कहा जाता है कि भारत में हर साल करीब 1000 फिल्में रिलिज होती हैं जो विभिन्न भाषाओं कि होती हैं पर एक भाषा है जो देश में सर्वाधिक बोली जाती है और वो है ‘हिंदी’ | इस भाषा की फिल्में बनाने वाली ईकाइयों को एक रुप में बॉलीवुड कहा जाता हैं | यहां तरह तरह की फिल्में बनती हैं और बनाते हैं कुछ खास फिल्मी घराने जिन्हे बैनर भी कहा जाता है जैसे आपने नाम सुना होगा कपुर्स , खांस , चोपडा़स आदि | और इन फिल्मों में जो मुख्य अभिनेता या अभिनेत्री होती हैं अमुमन इन्ही घरानों के बच्चे होते हैं “यहां आप इस बात का ध्यान रखें के यहां फिल्मों कि बात हो रही है टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों की नही” |

हां यह भी संभव है कि कभी कोई गैर फिल्मी परिवार का अभिनेता या अभिनेत्री भी फिल्मों में मुख्य भुमिका में दिख सकते है मगर यह बहुत कम देखने को मिलता है | और इन गैर फिल्मी परिवार के अभिनेताओं और अभिनेत्रीयों को बॉलीवुड में एक शब्द से संबोधित किया जाता है वो है ‘आउटसाइडर्स’ , जिसका मतलब है बाहर से आया हुआ | ये कुछ इसी तरह का संबोधन है जैसे आप ये कह रहे हो कि तुम में और मुझमें बहुत अंतर है | यदि आप कहना चोहें तो बॉलीवुड को परिवारवाद का सबसे अच्छा उदाहरण कह सकते हैं | और आज कंगना रनोत जो सुशांत के लिए इंसाफ की मांग कर रहीं हैं और लगातार मुंबई पुलिस के महाराष्ट सरकार की मंसा पर सवाल उठा रहीं हैं बॉलीवुड में ड्रग्स के चलन की बात पुरजोर तरिके से रख रहीं हैं वह इसे परिवारवाद पर प्रहार कि तरह देखा जा रहा है | और जब से सुशांत के हत्या कि जांच सीबीआई को गयी है तब से महाराष्ट की सरकार कंगना से बदले कि कार्यवाही कर रहें हैं और इसी कडी़ में 9 सितंबर को कंगना का ऑफिस तोडा़ जा चुका है और महाराष्ट सरकार के इशारे पर बीएमसी की यह कार्यवाही बहुत निंदनीय हैं |

बॉलीवुड कि ज्यातर फिल्मों कि कहानी में प्रेम अलगाव और हिंसा दिखाई जाती है पर इसमें भी जो मुख्य रुप से एक चीज दिखाई जाती है वो है हिन्दु धर्म और उसके प्रति घृणा | इस तथ्य को समझने के लिए आपको अपने मस्तिष्क पर थोडा़ जोर डालना होगा और ये सोचना होगा के क्या आपने ये दृश्य नही देखा जहां एक आदमी माथे पर चंदन लगाए एक युवती का शारिरीक शोषण करने कि कोशिश कर रहा है , कोई साधु कहीं एक महिला का बलात्कार कर रहा है , एक अमिर साहुकार है और वह बच्चों से काम करवा रहा है या किसी विधवा लाचार महिला से पैसे उधार देने के बदले कंगन गिरवी रखवा रहा है और वही एक खान चाचा है जो बच्चें को खाना खिला रहा है , कोई अब्दुल भाई है जो गरिबों का मुफ्त में इलाज कर रहा है | यह सारे दृश्य हिंदी फिल्मों में आम बात है और यही वो तरिका है जिससे लगातार हिन्दु धर्म का अत्याचारी और धोखेवाज तथा एक मजहब को महान प्रस्तुत करने कि कोशिश हो रही है |

अब आप स्वयं सोचकर देखें कि इन दृश्यों मे से कितने दृश्य सही लगते हैं और कितने गलत ? पर फिर भी लगातार ऐसे दृश्य दिखाए जा रहें हैं | और वही दुसरी तरफ आतंकवाद , जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद आज के समाज की सच्चाई हैं | पर ये दृश्य फिल्मों और वेब सिरिजों से गायब मिलते हैं |

हम यदि इसी वर्ष की बात करें तो 2020 में हि ऐसी कई फिल्में और बेव सिरिज हैं जो हिन्दु घृणा से भरे पडे़ हैं जैसे एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई बेव सिरिज ‘पाताल लोक’ , डिज्नी प्लस हाटस्टार पर रिलिज फिल्म सड़क 2 , एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई बेव सिरिज ‘आश्रम’ आदि | ये तो बस कुछ ही नाम हैं और ऐसी न जाने कितनी चीजे रोज युवाओ के सामने आ रही हैं और युवा इन्हे ही देखकर अपना नजरिया हिन्दु धर्म के बारे में बनाने के लिए विवश हैं क्योंकि उनके पास सही हिन्दुत्व की अवधारणा पहुच ही नही रही है |

अब सवाल ये खडा़ होता है कि ऐसा किया क्यों जा रहा है तो इसकी बहुत सी बजहें हो सकती हैं | पहला तो ये है कि यह एक तरह के तुष्टीकरण की राजनीति है जो देश की सबसे पुरानी पार्टी से प्रभावित लोग करते हैं और दुसरी और सबसे बडी़ वजय है मजहबी कारण , क्योंकि सत्तर से अस्सी प्रतिशत बॉलीवुड एक विशेष मजहब को मानने वाला है तो उनकी विचारधारा ये है कि हम संख्यां में पुरे देश में हिन्दुओ से कम हैं और हम गजवा-ए-हिंद जो इनका वर्षों पुराना ख्वाब है कर नही सकते तो हमें इन्हें इसी तरह से निचा दिखाते रहना है ताकि इनकी युवा पीढी़ स्वयं ही अपने धर्म से शर्मिंदा हो और खुद ही अपना धर्म छोड़कर उन्हीं के मजहब को अपना ले | और तिसरी वजय हिन्दुओ का अत्याधिक उदासिन होना भी हो सकता है जिससे इन्हे इस बात का विश्वास है कि चाहे हम हिन्दु धर्म के बारे में कुछ भी दिखा दें कोई हमसे सवाल पुछनेवाला नही है |

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
■ आम जनता के लिए...
■ आम जनता के लिए...
*Author प्रणय प्रभात*
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बताओगे कैसे, जताओगे कैसे
बताओगे कैसे, जताओगे कैसे
Shweta Soni
When you become conscious of the nature of God in you, your
When you become conscious of the nature of God in you, your
पूर्वार्थ
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
शेखर सिंह
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
मैं तो महज इतिहास हूँ
मैं तो महज इतिहास हूँ
VINOD CHAUHAN
" उज़्र " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
कवि दीपक बवेजा
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
Ravi Prakash
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
"जोड़ो"
Dr. Kishan tandon kranti
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
गुप्तरत्न
💐प्रेम कौतुक-319💐
💐प्रेम कौतुक-319💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौआ और बन्दर
कौआ और बन्दर
SHAMA PARVEEN
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते है
Mukul Koushik
जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी
जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...