औलाद
औलाद
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माँ का हूँ मैं औलाद,
मिल रहा है मुझको आशीर्वाद,
उनके आशीर्वाद हो रहा हूँ आबाद,
और नहीं हो सकता हूँ मैं कभी बर्बाद।
माँ का औलाद मैं,
करूँगा सर उनका उँचा,
चाहे रहूँ कहीं भी,
करूँगा सर न उनका नीचा।
औलाद हूँ मैं उसकी,
जिसने मुझे पढ़ाया और बढ़ाया,
आधे पेट रहकर,
मुझे कंठतक खिलाया।
…………. मनहरण