**और प्यार हो गया**
जन्म लिया धरती पर आया ,रोया बहुत और चिल्लाया।
दुलारा पुचकारा मां ने, गोद में अपनी मुझे उठाया।।
पहली बार उसे ही देखा, और प्यार हो गया ।।
एक एक कर सामने मेरे, आते गए अनेकों चेहरे ।
पहली बार सभी को देखा ,सोचता रहता लेटा लेटा।
कहने लगे मुझे सब बेटा, उन्हीं के बीच में तो रहता।
उनको मुझसे , मुझको उनसे, और प्यार हो गया।।
दिन पर दिन गुजरने लगे ,पहचानने लगा मैं अपने सगे।
स्कूल मुझे अब छोड़ दिया, शिक्षा से मुझको जोड़ दिया।
नया नया सब मैंने देखा ।
किताबों के साथ शिक्षकों से, सीखने लगा लेखा।
और प्यार हो गया ।।
तेज गति से वक्त चला, किशोरावस्था में जा पहुंचा।
आंखें लड़ने लगी ,जवानी चढ़ने लगी।
एक अनजानी को देखा ,और प्यार हो गया ।।
आने लगे उसके सपने ,ज्ञान के साथ नाम उसका भी लगे जपने।ना भूख लगे ना प्यास दिन-रात उसी की आस।
उसने भी था मुझको चाहा।
और प्यार हो गया।।
कविता का शेष भाग बाद में प्रेषित करूंगा
राजेश व्यास अनुनय