औरत
हाय री औरत तेरी तो सदियों से अजब कहानी
छाती से बहे दूध आंखों से बहता रहे खारा पानी!
भूख से खुद की आंते ऐठ गई हो फिर भी
तेरा रक्त दूध बनने की ही करता रहे मन मानी!
चिल्का क्या ही जानेगा रक्त और दूध का अंतर
अन्तिम बूंद तक चूसे जननी के अंतर का स्वेत पानी!
~ सिद्धार्थ