Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

**औरत का सम्मान हम सबका सम्मान**

माँ बहन बेटी बहु ये रूप अनेकों रखती है !
कोमल कोमल दो हाथों से काम हजारों करती है !!

सारा दिन ये काम करे पर फिर भी नहीं ये थकती है !
औरत ही वो हस्ती है जो हर एक दिल में बसती है !!

हर घर में वास है इसका रूप चाहे फिर जो भी हो !
सबको प्यार ये देती है फिर रिश्ता चाहे जो भी हो !!

अपने और गैर में भेद नहीं मान ये सबका करती है !
अपनी ख़ुशी से ज्यादा ये ध्यान अपनों का रखती है !!

औरत का दिल दरिया है प्यार की ये मूरत है !
छोटा हो या बड़ा चाहे हर जन को इसकी ज़रूरत है !!

माँ बहन बेटी बहु ये करें हजारों काम !
कभी मिलता नहीं अवकाश इन्हें करने को विश्राम !!

क्या फर्ज हमारा नहीं बनता इनको हम सब दें सम्मान ?
इनको हम सब दें सम्मान , इनको हम सब दें सम्मान !!

Language: Hindi
2 Likes · 3143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इतना आदर
इतना आदर
Basant Bhagawan Roy
मुबहम हो राह
मुबहम हो राह
Satish Srijan
* हिन्दी को ही *
* हिन्दी को ही *
surenderpal vaidya
No battles
No battles
Dhriti Mishra
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
"ढाई अक्षर प्रेम के"
Ekta chitrangini
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
बातें की बहुत की तुझसे,
बातें की बहुत की तुझसे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
महोब्बत का खेल
महोब्बत का खेल
Anil chobisa
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
यहां कश्मीर है केदार है गंगा की माया है।
सत्य कुमार प्रेमी
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
कौन ?
कौन ?
साहिल
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
Rituraj shivem verma
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
■ वंदन-अभिनंदन
■ वंदन-अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
प्रेम🕊️
प्रेम🕊️
Vivek Mishra
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
2709.*पूर्णिका*
2709.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
Dilip Kumar
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
भूत प्रेत का भय भ्रम
भूत प्रेत का भय भ्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन
मनोज कर्ण
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...