Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2021 · 2 min read

“औरत का घर “

प्रिया ने राज से करीब 13 साल पहले परिवार से बगावत करके शादी की थी अभी उसके दो बच्चे हैं पर कुछ था जो आज प्रिया को बहुत खटक रहा था
उसकी इस शादी मे बहुत उतार चढ़ाव आये पर आज उसने राज का घर छोड़ दिया l
और जब वह अपने मायके आई तो मायके मे उसके मम्मी पापा थे उन्होने प्रिया को समझाया की राज को ऐसा नही करना चाहिए था l घरेलू हिंसा का शिकार हुई थी प्रिया…
जाती भी तो कहा उसके पास तो अपना कहने के लिए उसका मायका ही था सो प्रिया मायके आ गई l
कुछ दिनो तक तो सब ठीक था पर आज उसके बड़े भाई का फ़ोन या तो बाते सुनकर वह दुविधा मे थी उसके भाई ने कहा की मम्मी पापा जब तक हो तब तक देखोगे उसके बाद मे तो नही देखुगा सब अपने परिवार मे व्यस्त हो जायेंगे ये वही भाई है ज़िसकी अभी शादी भी नही हुई ….
प्रिया सोच मे थी की ज़िन लोगो के बारे मे गलत बोलने पर वह अपने पति से लड़ लेती थी आज वही कह रहे है की बहन तू खुद लड़ अपने लिए पति के घर पर रहकर अपने लिए मम्मी पापा कब तक रहेंगे….
प्रिया चाहती तो सब कुछ सहन करके पति के साथ रहती वह तो ये सब 13 सालों से सहन ही कर रही थी पर जब मायके मे बात होने लगी तो प्रिया की बातों मे बगावत थी जो राज से बर्दास्त नही हुई…
प्रिया सोच रही थी की खून के रिश्ता ऐसा भी होता है क्या राखी का कोई मोल नही l
राज ने प्रिया को कहा था की मेरी घर रहना है तो मेरी हिसाब से रहो और जब प्रिया मायके गई तो मम्मी ने फ़ोन करके भाई को बताया की प्रिया तो अभी अपने घर पर है उसके घर से आ गई और प्रिया ये नही समझ पा रही थी की आखिर उसका घर कौन सा है….सच मे औरतो का घर होता ही नही

Language: Hindi
1 Like · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
हे कलम
हे कलम
Kavita Chouhan
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
बैर भाव के ताप में,जलते जो भी लोग।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
■ पाठक बचे न श्रोता।
■ पाठक बचे न श्रोता।
*Author प्रणय प्रभात*
कैसा
कैसा
Ajay Mishra
एक समय वो था
एक समय वो था
Dr.Rashmi Mishra
💐प्रेम कौतुक-434💐
💐प्रेम कौतुक-434💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मर मिटे जो
मर मिटे जो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
डॉक्टर रागिनी
जे जाड़े की रातें (बुंदेली गीत)
जे जाड़े की रातें (बुंदेली गीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"शिक्षक"
Dr Meenu Poonia
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"ये लालच"
Dr. Kishan tandon kranti
चला रहें शिव साइकिल
चला रहें शिव साइकिल
लक्ष्मी सिंह
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
सबक
सबक
manjula chauhan
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*ध्वजा मनुजतावादी थी फहराई (मुक्तक)*
*ध्वजा मनुजतावादी थी फहराई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जब कोई साथ नहीं जाएगा
जब कोई साथ नहीं जाएगा
KAJAL NAGAR
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
Loading...