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7 Aug 2018 · 1 min read

‘ ओढ़ चुनरिया धानी ‘

अपना देश बचाने निकले,
ओढ़ चुनरिया धानी,
चढ़ा शीश मातृभूमि पर,
कर देंगे अमर जवानी,
ओढ़ चुनरिया धानी,
नस-नस में भड़काएं शोले,
डगमग-डगमग धरती डोले,
गिरेगें दुश्मन सीमा पर ,
छूटेगें बम के गोले,
फिर से आज पुकारती हमको,
आजाद,भगत, बिस्मिल की वाणी,
ओढ़ चुनरिया धानी,
मैले आँचल में सिमटी सी,
भारत माता सिसक रही,
लहू बहाकर रंग देंगे ,
चुनरी जो बदरंग हुई,
नेताजी, सुखदेव, तिलक की,
दोहरायेगें शोर्य कहानी,
भारत माता बनेगी फिर से,
इस धरती की रानी,
ओढ़ चुनरिया धानी,
ना भूलो तुम याद रखो,
शहीदों की कुर्बानी,
आज़ादी की कीमत है क्या?
आज ये हमने जानी,
ओढ़ चुनरिया धानी।

Language: Hindi
302 Views
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