Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2020 · 1 min read

ओझल।

कलम उठती नहीं कुछ लिखने को,
आज लिखने का फिर भी करता दिल,
जीवन में थे कुछ लोग भी ऐसे,
दिल कहता उनसे जाके मिल,

कुछ तो अभी भी साथ है मेरे,
कुछ हो गए मेरी आंखों से ओझल,
कुछ यादें तो हैं मीठी बहुत,
तो कुछ से दिल हो जाता बोझल,

पलट के अतीत के कुछ पन्नों को,
दिल उसी दौर मे जाना चाहे,
कुछ के पास मैं लौटना चाहूं,
शायद मेरे पास भी कोई आना चाहे,

बना के एक दूसरे से दिल का रिश्ता,
दुनिया की भीड़ में खो गए हम,
अनायास ही सोच के कुछ बातें,
हो जाती यूं ही आंखे नम,

कुछ वाकिफ कराते हर बात से अपनी,
मैंने भी उनसे राज़-ए-दिल खोले,
एक अच्छा समय था साथ में बीता,
फिर अलग हो गए हम बिना कुछ बोले,

वक्त बदला हालात बदले,
नए फूल जीवन में खिलने लगे,
पुराने तो हमेशा ही रहेंगे ख़ास,
क्या हुआ जो लोग नये मिलने लगे,

अंजाने में चुभी हो बात कोई,
तो दिल को अपने साफ ही रखना,
इंसान हूं मैं भगवान नहीं,
तुम गलतियों को मेरी माफ भी करना।

कवि-अंबर श्रीवास्तव

Language: Hindi
5 Likes · 7 Comments · 453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-416💐
💐प्रेम कौतुक-416💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
छोटी सी दुनिया
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
Suno
Suno
पूर्वार्थ
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
डिगरी नाहीं देखाएंगे
डिगरी नाहीं देखाएंगे
Shekhar Chandra Mitra
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
// अंधविश्वास //
// अंधविश्वास //
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
आज हम याद करते
आज हम याद करते
अनिल अहिरवार
वट सावित्री अमावस्या
वट सावित्री अमावस्या
नवीन जोशी 'नवल'
"पंछी"
Dr. Kishan tandon kranti
मित्रता-दिवस
मित्रता-दिवस
Kanchan Khanna
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
Ms.Ankit Halke jha
नए सफर पर चलते है।
नए सफर पर चलते है।
Taj Mohammad
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
Er. Sanjay Shrivastava
ज़िंदगी की चाहत में
ज़िंदगी की चाहत में
Dr fauzia Naseem shad
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
😢 #लघुकथा / #फ़रमान
😢 #लघुकथा / #फ़रमान
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...