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29 Jul 2019 · 1 min read

ओंस की बूंदों सा

वो जिंदगी है
हर पल, नवीनता लिए
अपनी सारी अल्हड़ता
अपना चुलबुलापन
कुछ भी तो नही
खोया है उसने
वक़्त के इस छोर तक
बचा लायी है वो सब कुछ

उसकी उन्मुक्त खिलखिलाहट
बिखरी पड़ी है मेरे इर्द गिर्द
उत्सुक आमंत्रण लिए
कि चल पडूँ मैं
जिंदगी के साथ

पता है मुझे
वो सारी नीरसता
समेट लेगी मेरी
सुकुमार कल्पनाये देकर

मेरे विचारों की व्यर्थ थरथराहट
शांत सी हो चली है
असुरक्षित, कांपता मैं
जिंदगी के आगोश में
सिमटना चाहता हूँ

शायद भोर का तारा
ये कह रहा है कि
मुझे ओंस की बूंदों का
अहसास पाना है

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 364 Views
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