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3 Feb 2017 · 1 min read

ऐसे मैं दिल बहलाता हूँ..

ऐसे मैं दिल बहलाता हूँ..
जीवन के उन्मादों को सहता जाता हूँ,
कभी -२ तो डरता और सहमता भी हूँ,
पर ऐसे मैं अपना दिल बहलाता हूँ।
कुछ कई पुरानी यादों से ,
कुछ कही पुरानी बातों से ,
मैं यों ही बातें कर जाता हूँ,
और ऐसे ही मैं अपना दिल बहलाता हूँ।
कभी खुशी में शामिल हो कर ,
कभी दुखों में शिरकत करके,
जीवन के सुख दुख को सह जाता हूँ ,
और ऐसे ही मैं दिल बहलाता हूँ।
कभी समय जब खाली पाता ,
युं ही कुछ मैं लिख जाता हूँ,
भावों से अपने मन को समझाता हूँ,
और ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।
जब याद मुझे आती है तेरी ,
युं ही न सबकों दिखलाता हूँ,
एकांक में जाकर रो आता हूँ,
तस्वीर से तेरी मिल आता हूँ,
और ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।
ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।।

Language: Hindi
456 Views
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