Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2016 · 2 min read

ऐसा है आज का भारत

बाबा ,नेता सब ने यहाँ
ज़ुल्म और भ्रष्टाचार करके
पा ली है ऊँची सोहरत
ऐसा है आज का भारत ..

तैयार है काले व्यापर करने को
सबको यहाँ पैसे की भुख
अमीर हो या गरीब
सबको चाहिए भौतिक सुख ……

घर बैठे ऐसो आराम मिले
न करना पड़े कभी मेहनत
ऐसा सोचते है आज भी
होगी कोई ईश्वरीय करामत ….

टाल देते है काम लोग यहाँ
ये कहकर ! आज की नहीं है मुहरत
लोग बिन कर्म किये मंदिर, मस्जिद
चले आते है मांगने मन्नत ……….

ईमान की कोई कीमत नहीं
बोल बाला है यहाँ दौलत
पैसा फेंको तमाशा देखो
सबकुछ होता है यहाँ गफलत…..

पुलिस सरकार दोस्त है इनके
घूमते है गुनाहगार यहाँ उन्मुक्त
इन सब हालात देखकर भी
परदे लगा बैठी है अदालत …….

किसी स्टार राज नेता के पीछे
हज़ारो होती है सुरक्षा तैनात
आम आदमी की कोई सुरक्षा नहीं
ये बात भी है सच ……….

देश बदलना चाह रहे है
पर न बदल रहे है फितरत
संस्कृति संस्कार सब भूल रहे है
आधुनिकता के दौड़ में भारत ……

आम आदमी मजदूर किसान को
आज देश में नहीं राहत
नेता जोगी के बदली हुई है तस्वीर
देश में गहराई हुई है मुसीबत………..

मंज़िल तक पंहुचा है सीढ़ी चढ़कर
उस पर भी हो रही है बगावत
स्वतंत्र – लोकतंत्र भारत में आज
पैसे वालो की चलती है हुकुमत ……

गरीबी,बेरोजगारी,भ्रष्टाचार से
आज लत-पत है भारत
जर्जर सड़क भीड़-भाड़ बस
कदम-कदम में है मुसीबत …….

छोटी- छोटी तकरार में भी
किसी का बह जाता है रक्त
क्या ? दौर आया है हैरा हूँ !
मर गई है यहाँ इंसानियत ……

जुल्म की शिकार रोज होती है
हर रोज यहाँ की बेटिया औरत
रात अँधेरे शहर गलियो में
हर रोज यहाँ होती है वारदात ……..

चोर बदमाशो के ससुराल है
रोज आते जाते है हवालात
राजनीति कानून सब भ्र्ष्ट है
तभी तो इतना त्रस्त है भारत …..

जात-पात धर्म मजहब पर
आज भी होते है जहमत
हिन्दू मुस्लिम सीख ईसाई
क्या है यहाँ कोई सहमत ……..

कौन उबरेगा इस परिस्थिति से
ईधर भी फजीहत उधऱ भी फजीहत
किसपे करे आज भरोसा हमसब
यहाँ कौन देने वाला रहमत ……..

यही स्वर्ग है यही है नरक
सोच बदलने की है जरुरत
जब-तक न बदलोगो खुद को
तब-तक न बदलेगा भारत …

कवि : दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”

Language: Hindi
319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
लक्ष्मी सिंह
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
‘बेटी की विदाई’
‘बेटी की विदाई’
पंकज कुमार कर्ण
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
2346.पूर्णिका
2346.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
कड़वाहट के मूल में,
कड़वाहट के मूल में,
sushil sarna
बेमेल कथन, फिजूल बात
बेमेल कथन, फिजूल बात
Dr MusafiR BaithA
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
किसी ज्योति ने मुझको यूं जीवन दिया
gurudeenverma198
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
Subhash Singhai
मित्र भाग्य बन जाता है,
मित्र भाग्य बन जाता है,
Buddha Prakash
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
*दुआओं का असर*
*दुआओं का असर*
Shashi kala vyas
चंचल पंक्तियाँ
चंचल पंक्तियाँ
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...