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29 Jul 2018 · 1 min read

ए बादल जा तनिक ठहर

ए बादल जा तनिक ठहर,
मित्र रहता मेरा दूर शहर,
देना मेरी उसको यह खबर,
बिन उसके सूना मेरा घर,
जीवन का बीत रहा पहर,
पल पल ढहा रहा कहर,
लौटा दे खुशियों की लहर,
निराशा को मिटा दे आकर,
बड़ी कठिन है यह डगर,
दिखता है आँसुओ का भंवर,
बिन उसके सूखा है मेरा सावन,
हरा भरा मन बन गया निर्जन,
ऐ मेघ! कहना मित्र से…
मित्रता से न बढ़कर कोई जग में,

।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
211 Views
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