एहसास में जो न बहना जाने
एहसास में जो न बहना जाने
अपनों को जो न अपना माने
वो क्या ख़ाक जिया करते हैं
प्रेमभाव जो न पहचानें
भावनाओं में जो न बहना जानें
वो क्या किसी के हुआ करते हैं
सम्मान में जो न झुकना जाने
क्षमाभाव जो न पहचाने
वो क्या सम्मान लिया करते हैं
सत्य राह जो न पहचाने
आदर्श राह को न अपना जाने
वो क्या आदर्श जिया करते हैं
खुदा को जो न अपना माने
परमेश्वर को न अपना जाने
वो क्या जीवन जिया करते हैं
गिरतों को जो न उठाना जाने
धर्म राह को न अपना माने
वो धर्म राह क्या चला करते हैं
एहसास में जो न बहना जाने
अपनों को जो न अपना माने
वो क्या ख़ाक जिया करते हैं