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10 Oct 2019 · 1 min read

एक सोच

क्या हो अगर
अपने तय पथ को छोड़
नदी चल दे
पहाड़ की और..
भानु करवध हो
क्षमा मांगे
रात्रि के अंधकार की….
ये न हुआ कभी
और न होगा
फिर क्यों सोचे उसे
जिसका नही अस्तित्व
क्यों रोयें बस
अभाव का रोना
आओ देखें….
केवल भरा हुआ पैमाना ।।

सीमा कटोच

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 249 Views
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