Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2017 · 2 min read

एक सात्विक रिश्ता : सच्ची मित्रता

निःस्वार्थ , निर्विकार , निष्पक्ष , निष्पाप भावों से युक्त होता है सच्चा मित्र । एक सच्चा मित्र जीवन का सबसे अनमोल उपहार है । उसकी रिक्तता से जीवन नीरस हो जाता है ।

मित्रता सामाजिक संबंधों में सर्वाधिक सुचितापूर्ण , शर्तरहित , मनुष्य का मनुष्य से अनायास ही स्वयंनिर्मित एक पवित्र – पावन , मन भावन सर्वप्रिय मानसिक व वैचारिक मिलन है । यह मिलन लिंग , वर्ग , वर्ण , धर्म , अर्थ आदि अनेक भेदों से परे होता है । यह मिलन न संम्प्रदाय देखता है न जाति , न रंग भेद देखता है न लिंग भेद ।

एक सच्चा मित्र स्त्री या पुरुष की सीमाओं में बंधा न होकर सिर्फ एक मित्र होता है । कहीं न कहीं समाज में यह एक भ्रांत धारणा व्याप्त है कि स्त्री और पुरुष के बीच मित्रता का रिश्ता नहीं हो सकता । इस अपरिपक्व विचार के कारण अनेक बार देखने में आता है कि दो अच्छे मित्रवत संबंध रखने वाले स्त्री व पुरुष स्वयं को प्रत्यक्षतः एक दूसरे का मित्र कहने में भी संकोच का अनुभव करते हैं । जबकि यह यथार्थ में कृष्ण रूप में एक ऐसा आत्मिक व सात्विक संबंध है जो कृष्णा के अंतस की पुकार सुन सकता है और द्यूतसभा में मूक दर्शक बने सभी निकट संबंधियों , शासकों , राज्याधिकारियों की नारी सम्मान के प्रति कर्तव्य विमुखता से दुःखी हो सिर्फ उसके मान की रक्षा हेतु प्रकट हो सकता है साथ ही उसे आत्मसम्मान के साथ जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा भी दे सकता है ।

जीवन में जिसके साथ हम इंद्रधनुषी रंगों का आनंद बाँट सकें , जिससे अपनी हार जीत सांझा कर सकें , जिसे अपने सुख दुःख समझा सकें , जिसे जीवन राह में कहीं भी – कभी भी प्रत्यक्ष या परोक्ष अपने साथ खड़ा पाएँ , वही होता है सच्ची मित्रता का विकार रहित सच्चा स्रोत , सच्चा मित्र ।

डॉ रीता
एफ – 11 , फेज़ – 6
आया नगर , नई दिल्ली – 47

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 1074 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है
मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है
Harminder Kaur
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
सुख मेरा..!
सुख मेरा..!
Hanuman Ramawat
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
जीने की
जीने की
Dr fauzia Naseem shad
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
किस तरह से गुज़र पाएँगी
किस तरह से गुज़र पाएँगी
हिमांशु Kulshrestha
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
3123.*पूर्णिका*
3123.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
नारी शक्ति..................
नारी शक्ति..................
Surya Barman
सीता ढूँढे राम को,
सीता ढूँढे राम को,
sushil sarna
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चमत्कार को नमस्कार
चमत्कार को नमस्कार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ऐ ज़िन्दगी ..
ऐ ज़िन्दगी ..
Dr. Seema Varma
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
Dr Archana Gupta
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
ये पहाड़ कायम है रहते ।
ये पहाड़ कायम है रहते ।
Buddha Prakash
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
धोखा
धोखा
Paras Nath Jha
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
Rohit yadav
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...