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21 May 2019 · 2 min read

एक सच्ची घटना —आर के रस्तोगी

पिछले दिनों हमारे मेरठ शहर में एक प्रसिद्ध ज्योतिषी व विद्वान जो देहरादून के रहने वाले है का आगवन हुआ जिनकी भविष्यवाणी काफी सही निकलती थी | माना जाता है की उनकी वाणी में माँ सरस्वती विराजमान है जिसके कारण उनके पास भीड़ लगी रहती थी और काफी ख्याति हो गयी |उन्हें रतूड़ी पंडित जी के नाम से जाना लगा | वे मेरठ के एक मंदिर में ठहरे हुए थे जो केवल यहाँ केवल तीन दिन के लिये आये थे | वे जो कुछ बताते थे शत प्रतिशत सच निकलता था |

इस चर्चा को सुनकर हमारे मोहल्ले के एक गुप्ता जी उस मंदिर में पहुचे जहाँ रतूड़ी पंडित जी ठहरे हुए थे | 501/-रूपये अपने दाहिने हाथ से पंडित जी की और बढाते हए गुप्ता जी ने पूछा, “पंडित जी,मेरी मृत्यु कब ,कहाँ कैसे और किन परिस्थितियों में होगी ?”

रतूड़ी पंडित जी ने गुप्ता जी के दोनों हाथ के हस्त रेखाये देखी ,गुप्ता जी से उनका पूरा नाम पुछा,क्या गोत्र है तथा उनके पिता का क्या नाम है | उनका जन्म स्थान क्या है ? उनकी जन्म तिथि व समय क्या है |इन सब बातो को पूछ कर रतूड़ी पंडित जी ने पास में एक राखी स्लेट पर गुप्ता जी एक जन्म कुंडली सी बनाई और कुछ अंक भी लिखे और उनको गुना ,भाग,जोड़ व घटाते रहे | बहुत देर के बाद रतूड़ी पंडित जी गंभीरता से बोले,”गुप्ता जी,आपकी जन्म कुंडली व भाग्य रेखायें बताती है,कि आपके पिता की जितनी आयु होगी आपकी भी उतनी आयु होगी और जिन परिस्थितियों में और जिस स्थान पर उनकी मृत्यु होगी उसी स्थान पर उन्ही परिस्थितियों में भी आपकी मृत्यु होगी “|
यह सुनकर,गुप्ता जी कुछ हडबडाये और भयभीत होकर गुप्ता जी वहाँ से तुरन्त चल पड़े | कुछ घंटो के पश्चात पड़ोसियों को पता चला कि गुप्ता जी अपने बूढ़े पिता को आश्रम से ले आये है और उनक नहला धुलाकर फटे कपड़े उतार कर नये कपड़े पहना कर अपने हाथ से खाना खिला रहे है |

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 229 Views
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