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30 Aug 2017 · 1 min read

एक संतान शेर समान

(एक संतान शेर समान”
परिवार नियोजन के इस नारे पर एक छंद)

हवा बंद है

सरकारी नौकर हूं एक पुत्र पैदा किया,
शेर के समान मान समझा आनंद है।
अपराधी पड़ोसी ने आठ का लगाया ढेर,
समझे की आवारा को आया दुख द्वंद है।
मेरा बच्चा बड़ा हुआ वे बच्चे भी बड़े हुए
वे धतूरे पूरे मेरा बेटा गुलकंद है।
आज मोहल्ले में भारी उनका है दबदबा,
मेरी और मेरे शेर की भी हवा बंद है।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)

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