Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2021 · 1 min read

एक शेर पेश ए ख़िदमत

उस गुलबदन कि याद में होते थे रतजगे
रहते थे बेकरार मुहब्बत के वास्ते।

अदम्य

Language: Hindi
220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
💐प्रेम कौतुक-418💐
💐प्रेम कौतुक-418💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नाहक करे मलाल....
नाहक करे मलाल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कितने छेड़े और  कितने सताए  गए है हम
कितने छेड़े और कितने सताए गए है हम
Yogini kajol Pathak
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
Ram Krishan Rastogi
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
"शतरंज"
Dr. Kishan tandon kranti
अब प्यार का मौसम न रहा
अब प्यार का मौसम न रहा
Shekhar Chandra Mitra
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
ruby kumari
💫समय की वेदना💫
💫समय की वेदना💫
SPK Sachin Lodhi
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
अनुभव के आधार पर, पहले थी पहचान
Dr Archana Gupta
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
छन्द- सम वर्णिक छन्द
छन्द- सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
rekha mohan
सादिक़ तकदीर  हो  जायेगा
सादिक़ तकदीर हो जायेगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
Ravi Prakash
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
■ खरी-खरी...
■ खरी-खरी...
*Author प्रणय प्रभात*
फसल , फासला और फैसला तभी सफल है अगर इसमें मेहनत हो।।
फसल , फासला और फैसला तभी सफल है अगर इसमें मेहनत हो।।
डॉ० रोहित कौशिक
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
मुझ को इतना बता दे,
मुझ को इतना बता दे,
Shutisha Rajput
Loading...