Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 1 min read

एक विचार आया था मन में

“एक विचार आया था मन में ,
हमने क्या किया जीवन में,
भूल गए वीरों का बलिदान ,
शायद हम भी थे कभी गुलाम !
किसी पिंजड़े में बंद पंछी से पूछो ,
कैसी व्यथा है उसके मन में ?
बस एक बार मौका मिल जाये ,
तो मै उड़ जाऊ पंख पसार!
बस यही चाह थी उनके मन में ,
तभी तो हुआ था हिन्द आजाद !
प्रान्त प्रान्त में भेद बांटते ,
उत्तर दक्षिण बैर करते
मचा दिया है हाहाकार ,
बन गया मेरा देश गुलाम !
कुर्सी की इस दौड़ मे ,
हम आ गए ऐसे मोड़ पे
आगे कूआ पीछे खाई ,
देदेते हैं वोट सोचकर
संग हमारे हैं श्री राम ,
भगवान् भरोसे हिंदुस्तान !
कल तक थी जो सोने की चिड़िया ,
बन गयी आज माटी की पुड़िया
किया इसे अपनों ने बदनाम ,
भगवान् भरोसे हिंदुस्तान !
भूल गए पटेल की सीख ,
सोचा आज़ादी मिल गयी है भीख !
लालच हत्या और भ्रष्टाचार ,
भगवान् भरोसे हिंदुस्तान !
चन्द वोट और सिक्को की खातिर ,
बेच दिया अपने जमीर को
क्या यही हमारी है पहचान ,
भगवान् भरोसे हिंदुस्तान !
फिर भी अभी नहीं कुछ बिगड़ा ,
हमको है आतंक से लड़ना
बन सकता है बिगड़ा काम ,
युवा भरोसे हिंदुस्तान !
बस एक बात रखना है मन में ,
सबसे प्यारा भारत नाम
हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
ना हिन्दू न मुस्लमान ,
सब है भारत की पहचान
यही विराजे चारो धाम ,
जय भारत जय हिंदुस्तान
भगत सुभाष और रतन महान ,
ये है उनका तीर्थ स्थान
किया इन्होंने ऐसा काम ,
बन गया मेरा देश महान !
जय भारत जय हिंदुस्तान !! “

Language: Hindi
368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
Dr Archana Gupta
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
Ravi Prakash
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
शेखर सिंह
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चोट
चोट
आकांक्षा राय
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
🙅दोहा🙅
🙅दोहा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
संवेदना अभी भी जीवित है
संवेदना अभी भी जीवित है
Neena Kathuria
" सब भाषा को प्यार करो "
DrLakshman Jha Parimal
यादों की शमा जलती है,
यादों की शमा जलती है,
Pushpraj Anant
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
Harminder Kaur
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
छह दिसबंर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
एक सच ......
एक सच ......
sushil sarna
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
Loading...