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25 Oct 2021 · 1 min read

एक लकीर भी

एक लकीर भी
महज एक लकीर नहीं
छोटी छोटी ढेर सारी
बिन्दुओं का घेरा है
एक दूसरे के सब इतने
करीब हैं कि
दूरी का कहीं नामो निशान
नहीं
इनके बीच कोई
रिक्त स्थान ही नहीं
क्या इनके दिल कभी
धड़ककर हिलते नहीं
कोई हलचल करके
छिटककर
एक दूसरे से
पलभर को भी
थोड़ा भी दूर
होते नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
167 Views
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