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6 Nov 2016 · 1 min read

एक रूप में हिन्दुस्तानी

निर्मल पावन सुंदर स्वर्णिम
सुशोभित करते नाद मेरे
भारत माँ को हैं समर्पित
हर पल ये प्राण मेरे
भिन्न भिन्न है धर्म हमारा
भिन्न भिन्न है रूप
रहते हैं हम घुलकर जल में
चीनी जैसा है स्वरूप
भ्रम न पालो बाहर वालों
हिंदू मुस्लिम में न बांटो
अपूर्ण ज्ञान लेकर आए
ऐसे न अब पहचानो
सुनो बात मेरी पहले
हिन्दुस्तान कहा से आया
सिन्धु नाम है जनने वाला
उसी सिन्धु के हिन्दु हैं हम
कहते हैं हम सबको
एक रूप में हिन्दुस्तानी

-सोनिका मिश्रा

Language: Hindi
1 Like · 633 Views
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