“एक रिश्ता”
मेरे दिल मे बसी कविता तुम हो,
मेरे जिने का सहारा तूम हो.
तूमसे मेरा खास रिष्ता है,
क्यो की,मेरे हर शब्द मे मेरी कविता है…
आँसमा मे सितारो का मेला तुम हो,
मेरी प्रेरणा तुम हो.
तूम्हारे बगेर मैंने हर लम्हा,कैसे गुजारा है,
क्यो की,मेरे हर शब्द मे मेरी कविता है…
कविता मे प्रेम और प्रेम मे कविता है,
मेरे लिए फूलो की खुशबू तूम हो.
मेरे ईस दिल मे,आपने खास जगह बनाई है,
क्यो की,मेरे हर शब्द मे मेरी कविता है…
मेरा हर ख्वाब तूम हो,
मेरी हर शायरी तूम हो.
तुम्हारा हर शब्द मेरे लिए मोती है,
क्यो की,मेरे हर शब्द मे मेरी कविता है…
मेरी परच्छाई तुम हो,
मेरी मुस्कान तुम हो.
तुमसे मेरा रिशता सात जल्मो का है,
क्यो की,मेरे हर शब्द मे मेरी कविता है…