Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 2 min read

एक रात की बात

बात बात पर वो बात याद आती है
एक औरत के संग गुजरी वो रात याद आती है

दूर खड़ी परदे की ओट से आधी सुरत दिखरी थी
धुधले से चेहरे पर जुल्फे घनघोर घटा सी बिखरी थी

अधखुले वो लब उसके कुछ कहने को आतुर थे,
झुके झुके से चंचल नैना. बड़े ही चातुर थे

बुदबुदाती सी आवाज युं आई जैसे धड़कन बोल रही हो
युं मानो मेरे इर्द गिर्द खुशियॉ ही खुशियॉ डोल रही हो

धीरे धीरे से चल कर वो मेरे पास आई
कुछ ठिठक कर कुछ सकुचाई कुछ शरमाई

ग्लास भरा पानी का थमा गई वो हाथ में
एक पंखा लाई थी वो झलने अपने साथ में

जब हाथो ने हाथो को स्पर्श किया अनजाने में
युं लगा रात का सोया ऑख खुली हो महखाने में

पसीने की बुदें लुढ़क रही थी मुख पर इधर उधर
जैसे ओस की बुदें. सज रही हो पत्तो पर

जी किया की हाथ से ले कर पंखा उसको झल दु
कोमल से उस चेहरे पर बुदे अपनी हथेली से मल दु

बोल जो फुटे उसके मुख से तब मेरा ध्यान भंग हुआ
तब जाके कही मे वर्तमान के संग हुआ

लगी बेठने जड़ मे मेरे तब उसका ऑचल मुख चुम गया
मखमली एहसास से मेरा तन मन खुश हो झुम गया

गुपचुप गुपचुप हो रही थी रात के गलियारे में
चादँनी भी छन छन कर आ रही थी पर्दे के द्वारे से

खामोशी सी छाई थी उस कमरे की हवाओ में
जैसे एक साथ सभी फूल मुरझाए हो फिजाओ में

जी कर रहा था छाटँ के रख दु चुप्पी के बादल को
अपने तन से लपेट लु उसके नशीले ऑचल को।

बाहर से एक शोर सा आया दोनो डर से गए
एक दुजे की बॉहो मे टुट कर बिखर से गए।

मेरी मन की मुराद जैसे पुरी होने को थी
एक तरफ चाँद की भी धुरी पुरी होने को थी।

दरवाजे की खटखट ने जुदा हमको किया
खुद को समेट कर मैने समझा मन को लिया।

चलने को हुआ जो मैं उसकी नजरो ने रोक लिया
रुकना चाहता था मै भी पर खुद को रोक लिया।

वहॉ से तो चला आया पर मन वही छुट गया
नन्हा सा दिल मेरा एक झटके मे ही टुट गया।

छुटा हुआ वो पल आज भी जहन के अन्दर है
आज भी बह रहा दिल मे उस रात का समन्दर है।

बात बात पर वो बात याद आती है
गुजरी रात की वो बात याद आती है।

बात बात पर वो बात याद आती है
एक औरत के संग गुजरी वो रात याद आती है।

?????????

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुरु रामदास
गुरु रामदास
कवि रमेशराज
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
शाम
शाम
Kanchan Khanna
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हिन्दी
हिन्दी
लक्ष्मी सिंह
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
Sanjay ' शून्य'
#हिंदी-
#हिंदी-
*Author प्रणय प्रभात*
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
Rj Anand Prajapati
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मानव तेरी जय
मानव तेरी जय
Sandeep Pande
दुनिया एक मेला है
दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/68.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
I want to find you in my depth,
I want to find you in my depth,
Sakshi Tripathi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mukesh Kumar Sonkar
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
माशूक की दुआ
माशूक की दुआ
Shekhar Chandra Mitra
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
जुदा होते हैं लोग ऐसे भी
Dr fauzia Naseem shad
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
आर.एस. 'प्रीतम'
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
अगर गौर से विचार किया जाएगा तो यही पाया जाएगा कि इंसान से ज्
Seema Verma
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
“ कौन सुनेगा ?”
“ कौन सुनेगा ?”
DrLakshman Jha Parimal
सावन सूखा
सावन सूखा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...