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2 Nov 2019 · 1 min read

एक चतुष्पदी यूँ ही

प्रेम जिसको भी होता है अंधा बना देता है।
इश्क की क्या कहूँ यह भी बिन बात सजा देता है।
मुहब्बत भी दुनिया को जी भर सताती है ।
दिल से न सही दिमाग से विकलांग बनाती है।

कलम घिसाई

Language: Hindi
267 Views
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