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24 Feb 2017 · 1 min read

एक प्रीति राधा के लिए…

यूँ वो चाहें तो हम भी संभल जाएँगें ।
वो जाएँ जिधर हम भी ऊधर ही जाएँगे ।
यूँ वो बनकर देखें भी तो राधा हमारे लिए ।
कान्हाँ बनकर गुण गाएँ उमर भर उन्ही लिए।।
***** धीरेन्द्र *****

Language: Hindi
356 Views
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