Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 1 min read

एक नसीहत चंद लोगों के नाम

“जो लोग समझते हैं देश मेरा ,
रहने के लायक नहीं रहा
उनके लिए मेरे पास ,
छोटी मोटी दो चार सलाह !
कहते तो तुम बिलकुल ठीक ही हो ,
सहिषुणता रह गयी कहाँ ?
वरना याकूब मेनन के जनाजे में ,
रोता क्यों जान सैलाब वहां ?
तस्लीमा नसरीन जैसों को ,
क्यों मिल जाता हैं संरक्षण यहाँ ?
कहना तो तुम्हारा ठीक ही है
सहिषुण्ता रह गयी कहाँ ?
जहाँ मंदिर मस्जिद सब आस पास ,
पूजा नमाज सब एक साथ
गीता कुरान सब पाक जहाँ ,
वहां सहिषुण्ता रह गयी कहाँ ?
जरा सीमा पर जाकर पूछो जवान से ,
क्या मिलता है उनको देश प्रेम से ?
क्यों करते हैं रक्षा वो देश की ?
जब सहिषुण्ता रह गयी नहीं ?
अरे क्या फर्क है तुममे और अंग्रेजों में ?
वो देश लूटने अाये थे , तुम देश बांटते आये हो ,
जाती धर्म के नाम पर दीवार बनाते अाये हो !
अफजल जैसे आतंकी के लिए ,
जहाँ तुम नाक रगड़ने आते हो ,
जहाँ मणि शंकर जैसे मंत्री जी ,
पाक में रोने जाते हैं !!!
इतने पर भी हम भारतवासी
सहिषुण्ता दिखलाते हैं !!
वरना तुम जैसे गद्द्दारों को तो
सीमा से पार भगाना था !
भारत से सीधे तुमको तालिबान पहुँचाना था !!!”

Language: Hindi
589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साथ
साथ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विषय - पर्यावरण
विषय - पर्यावरण
Neeraj Agarwal
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
Ravi Prakash
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
फूल खुशबू देते है _
फूल खुशबू देते है _
Rajesh vyas
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
2771. *पूर्णिका*
2771. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब जब जिंदगी में  अंधेरे आते हैं,
जब जब जिंदगी में अंधेरे आते हैं,
Dr.S.P. Gautam
दुनियादारी....
दुनियादारी....
Abhijeet
झोली फैलाए शामों सहर
झोली फैलाए शामों सहर
नूरफातिमा खातून नूरी
"मंजर"
Dr. Kishan tandon kranti
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
When you realize that you are the only one who can lift your
When you realize that you are the only one who can lift your
Manisha Manjari
गीता में लिखा है...
गीता में लिखा है...
Omparkash Choudhary
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
बहुत समय बाद !
बहुत समय बाद !
Ranjana Verma
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
दौर ऐसा हैं
दौर ऐसा हैं
SHAMA PARVEEN
एक
एक
हिमांशु Kulshrestha
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
कम से कम दो दर्जन से ज़्यादा
कम से कम दो दर्जन से ज़्यादा
*Author प्रणय प्रभात*
कोई नहीं देता...
कोई नहीं देता...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं अपना सबकुछ खोकर,
मैं अपना सबकुछ खोकर,
लक्ष्मी सिंह
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
आंखों को मल गए
आंखों को मल गए
Dr fauzia Naseem shad
Loading...