एक धुन में निकल आए घर से
एक धुन में निकल आए घर से,
करना है कुछ बड़ा,
बनना है कुछ बड़ा,
उम्मीदों का दामन थामे,खाली हाथ चले आए घर से,
एक धुन में निकल आए घर से,
जिम्मेदारियों की पोटली थामे,
यादों की कमान लिए,
सपनों का साजो-सामान लिए,चले आए घर से,
एक धुन में निकल आए घर से,
यथार्थ का कठोर धरातल है पुकारता,
सच्चाईयों का आईना है दुत्कारता,
पर मन में हौंसलों की उड़ान लिए,चले आए घर से,
एक धुन में निकल आए घर से,
पहाड़ सी दुश्वारियां,
रेगिस्तान सी दुर्गमता,
समस्याओं की विकरालता लिए,चले आए घर से,
एक धुन में निकल आए घर से,
जिगर-जमीर में लिए हौंसला,
धुन की पक्की उड़ान लिए,चले आए घर से,
एक धुन में निकल आए घर से !