Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2019 · 1 min read

एक दूसरे का मन

“एक-दूसरे का मन”
————————
एक बूँद
मेरी आँखों से
छलक कर
मेरे गालों पर लढ़क कर आया है
इसका मतलब
तुमसे मेरा प्रेम मत समझना
यह केवल मात्र
तुम्हारा भम्र होगा
यह मेरे मन की कोई पीडा़ है
जो तुम्हारे द्वारा मुझे मिली है
बिना अपराध के ही
जैसे पुष्प को पाने की चेष्टा में
पुष्प की छुअन में
काँटे चुँभ जाते है अँगुलियों को
और पीडा़ मिलती है
वैसे ही तुमने मेरे मन को आघात पहुँचाया है
बिना अपराध के ही
कोई कली
अपने पराग छुपाए रखती है
पंखुडि़यों के भीतर
मैं चाहती हूँ
मैं भी तुमसे शिकायत न कर
अपनी इस पीडा़ को छुपा लूँ
मन के भीतर ही भीतर
जहाँ तुम्हें इस बात का
पता भी न चल पाए
कि मेरे मन में कोई पीड़ा है
लेकिन यह तो प्रेम है न
जहाँ शब्द और भाषा की भी
जरूरत नहीं होती है
बस पढ़ लिया जाता है
एक-दूसरे का मन
और तुम भी पढ़ लोगे
मेरा मन
चाहें मैं कहीं भी
अपनी पीडा़ को छुपाकर रख लूँ~तुलसी पिल्लई
29-11-2018

Language: Hindi
1 Like · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
gurudeenverma198
■ कटाक्ष...
■ कटाक्ष...
*Author प्रणय प्रभात*
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
🌺प्रेम कौतुक-201🌺
🌺प्रेम कौतुक-201🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी सितार हो गयी
जिंदगी सितार हो गयी
Mamta Rani
ब्रांड 'चमार' मचा रहा, चारों तरफ़ धमाल
ब्रांड 'चमार' मचा रहा, चारों तरफ़ धमाल
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
I am Me - Redefined
I am Me - Redefined
Dhriti Mishra
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भाषा
भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हिंदू कौन?
हिंदू कौन?
Sanjay ' शून्य'
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
एक सच ......
एक सच ......
sushil sarna
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
*याद तुम्हारी*
*याद तुम्हारी*
Poonam Matia
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
Harminder Kaur
"सुबह की किरणें "
Yogendra Chaturwedi
"जरा सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
🌹 वधु बनके🌹
🌹 वधु बनके🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
कोशिशों में तेरी
कोशिशों में तेरी
Dr fauzia Naseem shad
मैंने बार बार सोचा
मैंने बार बार सोचा
Surinder blackpen
दृष्टि
दृष्टि
Ajay Mishra
जो बेटी गर्भ में सोई...
जो बेटी गर्भ में सोई...
आकाश महेशपुरी
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
मिलकर नज़रें निगाह से लूट लेतीं है आँखें
Amit Pandey
Loading...