Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2019 · 1 min read

“एक तू ही सच्चा मिला”

एक तू ही सच्चा मिला, जो कभी हमारा नहीं था,
वरना लोग तो अपने होकर भी अपने नहीं होते।

कुछ ऐसे भी मिले हैं हमदर्द यहाँ,
जो अपनों की तबाही में भी बूंद भर नहीं रोते।

मशला ये नहीं कि तुम मेरे ना हुए,
मशला तो ये है कि हम भी किसी और के नहीं होते।

ये जो शब-ए-तन्हाई है, बहुत किस्मत से हमारे हिस्से आई है,
वरना लोग तो झूठी तस्सल्ली भी नहीं देते।

तेरी उल्फ़त में पी गए, ग़म का समंदर,
सच पूछो तो, हम खुशी का एक ज़ाम भी नहीं पीते।

ये मेरी आवारगी थी, या वहम था मेरा!
जुदा होकर तुझसे, हम तन्हा कैसे जीते??
-सरफ़राज़

523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भाषा
भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-412💐
💐प्रेम कौतुक-412💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
மழையின் சத்தத்தில்
மழையின் சத்தத்தில்
Otteri Selvakumar
तू है लबड़ा / MUSAFIR BAITHA
तू है लबड़ा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आह
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak
((((((  (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
(((((( (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
Rituraj shivem verma
खालीपन
खालीपन
MEENU
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
प्यार की दिव्यता
प्यार की दिव्यता
Seema gupta,Alwar
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सीखने की भूख
सीखने की भूख
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
कवि दीपक बवेजा
👌फिर हुआ साबित👌
👌फिर हुआ साबित👌
*Author प्रणय प्रभात*
चक्रव्यूह की राजनीति
चक्रव्यूह की राजनीति
Dr Parveen Thakur
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
Keshav kishor Kumar
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
दुष्यन्त 'बाबा'
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शीत की शब में .....
शीत की शब में .....
sushil sarna
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
Loading...