Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2019 · 1 min read

एक चुटकी नून ढूंढ रही हूँ

एक चुटकी नून(नमक) ढूंढ रही हूँ,
अपने जख्मों पे रगड़ने को
ताकि सारी रात हाय-हाय करती रहूं,
सिसकती, सुबकती रहूं, भोर होने तक,
तुम लोगों के जागने तक
ताकि तुम जागो,
मेरे साथ हाय-हाय करो,
रोओ,पीटो,खरोचों अपने जख़्मों को,
अपने दातों नाखूनों से गहरा करो,
उन जख़्मों को, जो दीखता नहीं
बस रिसता है आत्मा के तहखाने में,
की पर्द पे सर पीटना पड़े,
तो पीटो पर आवाज़ बुलंद करो,
बहरों को सुनाने को
जिन्हें परवाह नहीं,
जख़्मी मन और जख़्मी आत्मा की
उनकी सांसे और कान सुलगाने को
अपनी आवाज़,बहरे कानों तक पहुंचाने को
आवाज़ दो अपने जख्मों कि तासीर बताने को,
आवाज़ दो डरी सहमी ख़ामोशी मीटाने को !
***
01 -01 -2019
मुग्धा सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
शक्कर की माटी
शक्कर की माटी
विजय कुमार नामदेव
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
DrLakshman Jha Parimal
छिपकली
छिपकली
Dr Archana Gupta
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
★बरसात की टपकती बूंद ★
★बरसात की टपकती बूंद ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
Neelam Sharma
ऐतिहासिक भूल
ऐतिहासिक भूल
Shekhar Chandra Mitra
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
'मौन का सन्देश'
'मौन का सन्देश'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!
कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!
Bodhisatva kastooriya
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
बोल
बोल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
शाम
शाम
Kanchan Khanna
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
■ आज की प्रेरणा
■ आज की प्रेरणा
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक।
मुक्तक।
Pankaj sharma Tarun
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
विश्व पुस्तक मेला
विश्व पुस्तक मेला
Dr. Kishan tandon kranti
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
Loading...