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22 Mar 2018 · 1 min read

एक खास दोस्त

ज़िन्दगी में दोस्त तो कई हैं
पर तुम कुछ खास में से हो

तुम्हारा ज़िक्र आता है पर महफ़िल में नहीं
तुम्हे याद करता हूँ पर सिर्फ तन्हाई में नहीं
तुम साथ रहती हो एक एहसास की तरह
एक अधूरे से ख़्वाब की तरह

कभी कभी दिल ख़ामोश रहता है
लेकिन जाने क्यों जाने क्यों
जब तुमसे बात करता हूँ
तुम्हे याद करता हूँ
कोई फरियाद करता हूँ
ये बेचैन होता है

एक गीत गाता है
ख़ामोश लफ़्ज़ों में

अब तो ये डरता भी है तुम्हे खोने से
अब तो ये रोता भी है

Language: Hindi
402 Views
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