Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2018 · 2 min read

* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *

एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता

एक ऐसा शख़्स जो अभावो में पला
यह नहीं कह सकते हम क्योंकि वह
अभावों को ठेलता हुआ आगे निकला
वक्त का सीना चीरते समाज-ए-चिराग सा

वक्त के सघन अँधेरे को चीर तीर-सा निकला
जहां के अंध-मन्द समाज को रोशनी करने
अकेला ही समर में युद्धवीर – सा निकला

रचे थे चक्रव्यूह अनेक समाज कंटको ने
मगर वह वीर-धीर निष्कंटक निकला

दिया वो संसार-समृद्ध महान संविधान
जिसमें समता का अधिकार सर्व समाज

सर्वधर्म को एक समान बेरोकटोक दीना
विशेषतः महिलाओं को तो सर्वाधिकार

हमारे बाबा साहब ने संविधान में दीना
मगर आज कितनों को पता है यह स्त्री
समाज को हक बिनभेद जीने का दीना
मगर वैषम्य आज भी कायम है क्योंकि
बिनभेद अभी तक जीना नही सीखा

दुनियां मानती है लोहा ज्ञानी दानी का
हमने उस हस्ती का सम्मान नहीं सीखा

विश्व की महाशक्तियां नतमस्तक है
जिस महान विभूति के श्रीचरणों में
हमने अपना अवदान नहीं सीखा
विश्व के राष्ट्र माने जिसकी ज्ञान-गरिमा
हमने सर्वजन सम्मान नहीं सीखा

ये कैसा देश है अपना जहाँ अपनों का
हमने बिन-भेद सम्मान नही सीखा
यह कैसा भारत है बनाने वाले का
सर्वजन ने करना सम्मान नही सीखा

दुनियां मानती हो ज्ञानी चाहे
जन्म को उसके ज्ञान-दिवस में मनावे
मगर यह आज भी भारत है जहाँ
व्यक्ति ज्ञान से नहीं जाति से पूजा है

कितना भेद है अब भी फिर भी लोग
विषमता में समता की बात करते हैं ।।

मना लें विश्व चाहे ही
उनके जन्मदिवस को

ज्ञान – दिवस भी
मगर हिंदुस्तान
में अब भी
अज्ञान – अँधेरा है ।।

शायद इसलिए
अब भी
ज्ञान का दीप
जलाने को
एक ओर अम्बेडकर की
महत्ती आवश्यता है ।।

? मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कौन ?
कौन ?
साहिल
তুমি সমুদ্রের তীর
তুমি সমুদ্রের তীর
Sakhawat Jisan
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
Vishal babu (vishu)
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
शेखर सिंह
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
हर हक़ीक़त को
हर हक़ीक़त को
Dr fauzia Naseem shad
प्रीत
प्रीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
कुछ पाने के लिए
कुछ पाने के लिए
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
Neelam Sharma
💐प्रेम कौतुक-303💐
💐प्रेम कौतुक-303💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
*भीड बहुत है लोग नहीं दिखते* ( 11 of 25 )
Kshma Urmila
कहां गये हम
कहां गये हम
Surinder blackpen
मैं
मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
ruby kumari
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
■ अनफिट हो के भी आउट नहीं मिस्टर पनौती लाल।
*Author प्रणय प्रभात*
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Sukoon
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Neeraj Agarwal
हम लिखते हैं
हम लिखते हैं
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
Loading...