Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2020 · 1 min read

उल्फ़त पैग़ाम मिरा

उल्फ़त पैग़ाम मिरा
है चाहत नाम मिरा

दिल में है प्यार भरा
दिल है गुलफ़ाम मिरा

भर दो तुम आज इसे
ख़ाली है जाम मिरा

मैं हूँ ग़म का दरिया
आँसू इनआम मिरा

मैं हूँ गुमनाम बहुत
पूछो मत नाम मिरा

1 Comment · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दर्द: एक ग़म-ख़्वार
दर्द: एक ग़म-ख़्वार
Aditya Prakash
Not longing for prince who will give you taj after your death
Not longing for prince who will give you taj after your death
Ankita Patel
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
चाँद नभ से दूर चला, खड़ी अमावस मौन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
हमें
हमें
sushil sarna
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
ईश्वर का उपहार है बेटी, धरती पर भगवान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
ज़िदगी के फ़लसफ़े
ज़िदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
عظمت رسول کی
عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
"चंदा मामा, चंदा मामा"
राकेश चौरसिया
अबके तीजा पोरा
अबके तीजा पोरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कैसै कह दूं
कैसै कह दूं
Dr fauzia Naseem shad
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
Rashmi Ranjan
💐अज्ञात के प्रति-121💐
💐अज्ञात के प्रति-121💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"जोकर"
Dr. Kishan tandon kranti
■ याद रहे...
■ याद रहे...
*Author प्रणय प्रभात*
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
संग रहूँ हरपल सदा,
संग रहूँ हरपल सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जयंत (कौआ) के कथा।
जयंत (कौआ) के कथा।
Acharya Rama Nand Mandal
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
I lose myself in your love,
I lose myself in your love,
Shweta Chanda
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
वो कड़वी हक़ीक़त
वो कड़वी हक़ीक़त
पूर्वार्थ
Loading...