Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2020 · 2 min read

” उम्र का सांध्य पहर “

बचपन से जवानी तक
जवानी से प्रौढ़ होने का सफर
जीवन की सांध्य बेला पर ठहर जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

सारी यादें एक – एक कर
ज़हन में आती जाती हैं
मन उन सारी यादों में अटक सा जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

कितनी भाग – दौड़ कर ली
एक पल को चैन न था
अब तो तन – मन को आराम आ जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

तब तो फुर्सत ही नही थी
किसी को याद करने की
इस पड़ाव पर आकर सब याद आ जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

उस वक्त कितनी उलझने थीं
और अनगिनत परेशानियां
अब तो जैसे सब सुलझता सा जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

इस बेला में आकर
सब अपने हो जाते हैं
सबका मन आपस में एक सा हो जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

कितनों का साथ छूट गया
और कुछ साथ हैं
उनके पास जाने को मन लालायित हो जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

मन हर बात पर ज़िद करता है
हर चीज पर ललचाता है
इस उम्र में वापस बचपन लौट कर आ जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ,

सुबह – दोपहर निराली थी
सांध्य भी वैसी ही बीते
यही कामना करते हुये जीवन चलता जाता है
उम्र का ये पहर सबके जीवन में आता है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 01/10/2020 )

Language: Hindi
2 Comments · 351 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ सगी तो खुशियां भी नहीं।
■ सगी तो खुशियां भी नहीं।
*Author प्रणय प्रभात*
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
रिश्ते जोड़ कर रखना (गीतिका)
रिश्ते जोड़ कर रखना (गीतिका)
Ravi Prakash
सरस्वती वंदना-1
सरस्वती वंदना-1
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आकाश से आगे
आकाश से आगे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कोई नही है वास्ता
कोई नही है वास्ता
Surinder blackpen
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
Er. Sanjay Shrivastava
मतदान करो
मतदान करो
TARAN VERMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
बढ़ रही नारी निरंतर
बढ़ रही नारी निरंतर
surenderpal vaidya
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
प्रिय के प्रयास पर झूठ मूठ सी रूठी हुई सी, लाजवंती के गालों
प्रिय के प्रयास पर झूठ मूठ सी रूठी हुई सी, लाजवंती के गालों
kaustubh Anand chandola
2737. *पूर्णिका*
2737. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
किसी की याद आना
किसी की याद आना
श्याम सिंह बिष्ट
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
अर्ज है
अर्ज है
Basant Bhagawan Roy
Loading...