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12 May 2017 · 1 min read

उम्र का तगाजा है,

उम्र का तगाजा है,
साँसों की फितरत है,
दोनों ही निकल जाती है,
मरहूम करके यंहा,

कोई शान समझता है,
कोई ईमान समझता है,
खोखले उसूलो में रहकर,
कोई खुद को भगवान समझता है,
प्यार में कोई जीवन नहीं,
जीवन मुस्कराहट है,

जब तक रहती है पहलु में,
सुनती नहीं कोई आहत है,

Language: Hindi
1 Like · 514 Views
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